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श्री सनातन धर्म महिला समिति द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है। भाद्रपद श्री कृष्ण अष्टमी, विक्रम सम्वत् 2066 यानी 13 अगस्त, 2009 को स्थानीय शारदा कॉन्वेंट स्कूल 25 फुट रोड, चाणक्य प्लेस के प्रांगण में आयोजित होने वाला यह 11वां कार्यक्रम होगा।
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श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के अवसर पर हिन्दी-ब्रज भाषा में आयोजित होने वाला क्षेत्र का एकमात्र अनूठा कार्यक्रम होता है जिसका पूरा श्रेय मंजू गोपालन को ही जाता है। इस धार्मिक आयोजन के लिए क्षेत्रवासी उनकी खूब प्रशंसा करते हैं। धार्मिक प्रवृत्ति की मंजू गोपालन मूल रूप से आगरा की हैं। सन् 1984 से वे दिल्ली में रह रही हैं। चाणक्य प्लेस क्षेत्र में हिन्दी-ब्रज भाषा के भजन-कीर्तन की लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए उन्होंने श्री सनातन धर्म महिला समिति के अन्तर्गत सन् 1995 में छोटी सी कीर्तन मण्डली का शुभारम्भ किया। उनके इस प्रयास की खूब सराहना हुई और लोगों ने उनके भजन-कीर्तन को बहुत पसन्द किया। धीरे-धीरे उनको लोग जान गये।
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आप बनें सहयोगी
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आप श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के आयोजन में
अपना सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है।
कृपया सम्पर्क करें- bhajankeertan@gmail.com b
� बच्चों के लिए उपहार (अनुमानित संख्या)- 25
� कार्यक्रम के आयोजन में विविध कार्यों हेतु
� प्रसाद-भण्डारा
� बच्चों के लिए उपहार (अनुमानित संख्या)- 25
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आप चाहेंगे तो सहयोगियों की सूची में आपका
नाम भी प्रकाशित किया जाएगा।
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श्री कृष्ण जन्माष्टमी के छठवें दिन छठी मनायी जाती है। इस अवसर पर अपरान्ह 2 बजे विशेष भजन-कीर्तन कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इसके बाद पारम्परिक रूप से तैयार 6 वस्तुओं- मूंग की दाल, रोटी, कढ़ी, चावल, बेसन के लड्डू और हलुआ के अलावा भण्डारे के रूप में तैयार की गयी सामग्री पूड़ी, आलू की सब्जी और खीर का भोग लगाया जाता है। सायं लगभग 4।30 बजे प्रसाद के रूप में भण्डारे की सामग्री का वितरण किया जाता है जो 4-5 घण्टे निरन्तर चलता रहता है।
यह पूरा आयोजन एक अकेली मंजू गोपालन जैसी महिला की सामर्थ्य के बल पर ही हो पाता है। इन्होंने स्थानीय लोगों को जब कार्य करके दिखया तो धीरे-धीरे लोग जुड़ते चले गये। अब लोग स्वयं आगे आकर अपना सहयोग देने की इच्छा जताते हैं। श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के आयोजन को लेकर अनेक लोगों के विरोध और उनके द्वारा रुकावटें पैदा करने का भी उन्होंने दृढ़ता से सामना किया। कुछ शरारती और स्वयं को प्रभावशाली समझने का भ्रम पाले हुए लोगों ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के आयोजन को रोकने के लिए खूब चालें चलीं। लोगों से सहयोग न करने की अपील वाले पीले रंग के पर्चे भी बंटवाए।
धुन की पक्की मंजू गोपालन ने हार नहीं मान और उन्होंने सब श्री कृष्ण पर छोड़ दिया और वे पूरे परिवार के साथ श्री कृष्ण की सेवा में लगी रहीं। परिजनों का भरपूर सहयोग उन्हें हर बार मिलता रहा। राजनीति में सक्रिय स्थानीय समाज सेवी श्री अनिल ठाकुर इस आयोजन में विशेष रूप से रुचि लेकर गत 3 वर्षों से अपना भरपूर सहयोग दे रहे है। यहां के लोगों को मंजू गोपालन पर जो विश्वास था उसे वे अपनी चालबाजियों से डिगा नहीं सके। मजे की बात यह भी है कि उन चालबाजों में शामिल कुछ लोग अब मंजू गोपालन का ही सहयोग करते हैं। उल्लेखनीय है कि इस पूरे आयोजन में काफी समय, श्रम, धन आदी की आवश्यकता पड़ती है। मंजू गोपालन की हार्दिक अभिलाषा है कि वे श्री राधा कृष्ण का एक भव्य मन्दिर बनवाएं, देखें उनकी यह अभिलाषा कब पूरी होती है! वैसे उन्होंने अपनी यह अभिलाषा श्री कृष्ण पर ही छोड़ दी है-आप जानें...
प्रस्तुति: वी. कुमार
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प्रस्तुति: वी. कुमार
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